पूरे देश में दशहरा कैसे मनाया जाता है?

पूरे देश में दशहरा कैसे मनाया जाता है?

Oct 07, 2024Cycle Care

दशहरा भारतवर्ष का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। इसे पूरे देश में धूमधाम से मनाते हैं। कहीं पर इसे विजयादशमी कहते हैं, कहीं दशहरा , कहीं पर दुर्गा पूजा। नवरात्रि के नौ दिनों के बाद दसवें दिन बहुत उत्सव मनाया जाता है।     

इस दिन सभी जगहों पर रावण के पुतले का दहन किया जाता है। साथ में मेघनाथ और कुम्भकर्ण का भी पुतला फूंका जाता है । इस दिन लोग पटाखे भी छोड़ते हैं और एक दूसरे को दावत पर भी बुलाते हैं।  

दशहरा पर्व पर कई जगह  नाटक भी  खेले जाते हैं जिसे रामलीला कहते हैं।

उत्तरप्रदेश में बनारस की रामलीला बहुत ही मशहूर है। कई स्थानों पर बड़े बड़े मेले लगते हैं और उसमें विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होते हैं।


बंगाल में दशहरा- 

बंगाल में दशहरा दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। यहां का सिंदूर खेला काफी मशहूर होता है। यहां पर दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है जिसके साथ श्री  गणेश और श्री कार्तिकेय जी की मूर्तियां भी स्थापित की जाती हैं। तीनों देवियों श्री महालक्षमी ,श्री महाकाली और श्री महासरस्वती की भी पूजा की जाती है। पांच दिनों तक पूजा होती है। पूजा करने के लिए आपको जो भी सामिग्री चहिये वो आप Dussehra Sale से कम से कम पैसे में खरीद सकते है | 

जगह जगह पर भव्य पंडाल बनाये जाते हैं जिनकी सुंदरता देखते ही बनती है।


गुजरात में दशहरा-

गुजरात में भी इसे नवरात्रि पर्व के रूप में मनाते हैं। नौ दिनों तक गरबे की धूम धाम मची रहती है। दक्षिण भारत में यह कुछ अनोखे अंदाज से मनाया जाता है। इस पर्व में घर घर में गुड़िया और खिलौनों से सजावट की जाती है। इस पर्व को गोम्बे हव्वा कहा जाता है। 


पंजाब में दशहरा-

पंजाब में भी इसे कुछ अलग ढंग से मनाया जाता है। यहाँ के लोग सात दिनों का उपवास करते हैं । रात भर माता का जगराता चलता रहता है। अष्टमी के दिन वे अपना उपवास तोड़ते हैं और इस दिन नौ कन्याओं को खिलाते हैं तथा उन्हें उपहार भी देते हैं। इसे कंजिका कहा जाता है। 


महाराष्ट्र में दशहरा -

महाराष्ट्र में भी  विजयादशमी रावण ,मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतलों को जलाकर मनाया जाता है। जबकि एक गांव ऐसा भी है जहां दशहरे के दिन राक्षस राज की आरती की जाती है।

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